एकेलेसिआ कार्डीया: खुराक निगलने की समस्या का दूरबीन से इलाज



 Add to 

  Share 

1,047 views



  Report

admin
2 years ago

Description

एकेलेसिआ क्या होता है? एकेलेसिआ एक अनूठी अवस्था है जिसमे मरीज को खुराक और प्रवाही निगलनेमें दिकत होती है। सामान्य तौर पर ये समस्या 25 60 वर्ष की उम्र के व्यक्तिओमें देखने को मिलती है। पार कभी कभार ये बच्चो में भी हो सकती है। एकेलेसिआ में अन्ननली के चेता कोषो का किसी अज्ञात कारण वश नाश होता है। एकेलेसिआ कार्डीया में क्या होता है ये समजने के लिए, आइये पहले समझते है की खुराक निगलने की सामान्य प्रक्रिया क्या होती है। खुराक निगलने की सामान्य प्रक्रिया एक आम इंसान जब खाना निगलता है तब उसके अन्ननली के स्नायु तालबद्ध तरीके से संकोचन विस्तरण करते है, जिसकी मदद से निगला हुआ खुराक निचे की और आगे बढ़ता है। स्नायुओ के इस संकोचन विस्तरण को पेरीस्टालसिस कहते है। जब व्यक्ति खुराक निगलता है तब अन्ननली के निचले हिस्सेमें आया LES वाल्व सुस्त यानिकि रिलैक्स होता है , और उसके खुलते ही खुराक जठर में प्रवेश करता है। खाना जठरमे पहुते ही LES वाल्व फिर से मजबुतीसे बंध हो जाता है। एकेलेसिआ के दर्दीओको क्या तकलीफ होती है ? एकेलेसिआ के लक्षण क्या है ? एकेलेसिआ के दर्दीओकी मुख्य समस्या खाना निगलने में अटकन होती है। खाते समय खुराक और प्रवाही दोनों सिनेमे फसा हुआ हो ऐसा महसूस होता है। इससे कई बार निगलते समय सिनेमे दर्द भी हो सकता है। कई बार सोते समय सिनेमें जमा खाना और प्रवाही वापस ऊपर मुँह तक आ जाता है। इसकी वजहसे नींद में खांसी आना या नाक से पानी निकलनेकी समस्या भी होती है। अन्ननलीमें जमा खाना वहा असर करके हार्टबर्न भी कर सकता है। एकेलेसिआ के ज्यादातर दर्दीओ का वज़न भी कम हो जाता है। ये समस्या काफी धीरेसे बढ़ती है, और इसलिए कई मरीज तक़लीफ ज्यादा गंभीर होने तक तबीबी नहीं लेते। कई दर्दी खानेकी गति कम करके समस्या का हल ढूंढते है तो कुछ दर्दी निगलते समय गर्दन ऊपर करके या कंधा पीछे करके खाना निगलने की कोशिश करते है। एकेलेसिआ के दर्दीको अन्ननलिके कैंसर की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले अधिक होती है, इसलिए समय पर उचित इलाज करना और उचित फॉलो उप करना आवश्यक है। एकेलेसिआ कार्डीया का इलाज एकेलेसिआ कार्डीया के इलाज के बारे में सबसे पहले हमें ये समजने की आवश्यकता है की, अन्ननली के नाश हुए चेता कोष यानि Nerve cells किसी भी इलाज से वापस सामान्य यानि नार्मल नहीं हो सकते। उपलब्ध इलाजो मे से कोई भी इलाज अन्ननली के स्नायुओं के लयबद्ध संकोचन यानि पेरीस्टालसिस में सुधर नहीं कर सकते। सभी इलाज सिर्फ अन्ननली के निचले हिस्से में रहे LES वाल्व को सुस्त बनाके खुला रखने का काम करते है, ताकि वो खुराक के अन्ननली से जठर में जानेमे अवरोध न करे। इसके बाद खाना गुरुत्वाकर्षण की मदद से अन्ननली में नीचेकी तरफ आगे बढ़ता है और वाल्व के अवरोध के बिना आसानी से जठर में प्रवेशता है। इलाज दो प्रकारके होते है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल । ज्यादा तर, सर्जिकल विकल्प दर्दीओंकी समस्या लम्बे समय के लिए सुधरनेमे ज्यादा असरकारक होते है।