कैंसर का लेप्रोस्कोपिक तकनीक से बिना चीर-फाड़ से इलाज |



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कैंसर क्या है? कैंसर एक किस्म की बीमारी नहीं होती, बल्कि यह कई रूप में होता है। कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं। अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं जिनमें वे शुरू होते हैं- उदाहरण के लिए, बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है, कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है बेसल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है। ओवेरियन कैंसर : 10% ओवरी के ट्यूमर कैंसरस हो सकते हैं. इस उम्र में अधिकतर कैंसर जर्म सेल ट्यूमर होते हैं जैसे-डिसजर्मिनोमा, योक सैक ट्यूमर आदि. ये ठोस होते हैं और बढ़ कर 10-15 सेमी हो जाते हैं. इनका पता पेट दर्द से चलता है. यह प्राय: एक ओर होता है तथा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से निकाला जा सकता है. शुरू में इलाज हो जाये, तो यह ठीक हो सकता है. इलाज से दूसरे तरफ की ओवरी बचा ली जाती है, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं | लेप्रोस्कोपी सर्जरी में पेट में तीन छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, जो एक मिलीमीटर से लेकर एक सेंटीमीटर के हो सकते हैं। इस की-होल शल्य चिकित्सा के उपयोग से मरीज को दर्द कम होता है। कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं। कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं।